आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "shama-e-ilm-o-daanish"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "shama-e-ilm-o-daanish"
ग़ज़ल
ब-इज्ज़-ए-इल्म-ओ-दानिश जाओ उन की बज़्म में 'तरज़ी'
ग़ज़ल की शे'र-बंदी पर बुलाते हैं ग़ज़ल वाले
अब्दुल मन्नान तरज़ी
ग़ज़ल
बला से धूल फाँकें या पुराने चीथड़े पहनें
मगर यारो मता-ए-इल्म-ओ-दानिश हम न बेचेंगे
ओवेस अहमद दौराँ
ग़ज़ल
कैसे आशोब-ए-दानिश पे रखता नज़र मैं कम-आगाह था
दे गया मुझ को आँखों के बदले कोई बे-बसर आइने
फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी
ग़ज़ल
इल्म-ओ-जाह-ओ-ज़ोर-ओ-ज़र कुछ भी न देखा जाए है
बज़्म-ए-साक़ी में दिलों का ज़र्फ़ जाँचा जाए है
आनंद नारायण मुल्ला
ग़ज़ल
'शम्अ'' इतना तो कभी उस की समझ में आए
डूबती कश्ती का साहिल से तक़ाज़ा क्या है
सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ
ग़ज़ल
वो शख़्स आया था ऐ 'शम्अ' ले के मौसम-ए-गुल
उसे ख़बर ही न थी दर्द मेरा ज़ेवर था
सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ
ग़ज़ल
ऐ 'शम्अ'' किस ने दी थी तुझे ऐसी बद-दुआ'
घर में कोई चराग़ न जलता दिखाई दे
सय्यदा नफ़ीस बानो शम्अ
ग़ज़ल
हुजूम-ए-ग़म सँभलता ही नहीं ऐ 'शम्अ'' अब मुझ से
कभी तो काश ऐसा हो मुझे तन्हा करे कोई