आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "shast-e-but-e-naavik"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "shast-e-but-e-naavik"
ग़ज़ल
शुमार-ए-सुब्हा मर्ग़ूब-ए-बुत-ए-मुश्किल-पसंद आया
तमाशा-ए-ब-यक-कफ़ बुर्दन-ए-सद-दिल-पसंद आया
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
क्यूँ कहूँ क़ामत को तेरे ऐ बुत-ए-राना अलिफ़
और कुछ ख़ूबी नहीं रखता है इक सीधा अलिफ़
जोशिश अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
ऐ बुत-ए-ना-आश्ना कब तुझ से बेगाने हैं हम
तू अगर इस बज़्म में मय है तो पैमाने हैं हम
रज़ा अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
कौन से दिन तिरी याद ऐ बुत-ए-सफ़्फ़ाक नहीं
कौन सी शब है कि ख़ंजर से जिगर चाक नहीं
मुस्तफ़ा ख़ाँ शेफ़्ता
ग़ज़ल
तू अगर मुझ से जुदा ऐ बुत-ए-नादाँ होगा
मिस्ल-ए-नाक़ूस ये दिल हिज्र में नालाँ होगा
अब्दुल मजीद ख़्वाजा शैदा
ग़ज़ल
ख़ुदा-नुमा है बुत-ए-संग-ए-आस्ताना-ए-इश्क़
चलूँगा पा-ए-निगह बन के सू-ए-ख़ाना-ए-इश्क़
ख़्वाज़ा मोहम्मद वज़ीर
ग़ज़ल
नाज़-ए-बुत-ए-महवश पर क़ुर्बान दिल-ओ-जाँ है
ये शान-ए-ख़ुदा शाहिद-ए-ग़ारत-गर-ए-ईमाँ है
अली मंज़ूर हैदराबादी
ग़ज़ल
मिरे हाथ आ गया 'परवीं' अदू के नाम का ख़त था
गिरा था रह में जो दस्त-ए-बुत-ए-बे-पीर से काग़ज़