आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "silsila-e-aab-shaar"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "silsila-e-aab-shaar"
ग़ज़ल
तू उरूस-ए-शाम-ए-ख़याल भी तो जमाल-ए-रू-ए-सहर भी है
ये ज़रूर है कि ब-ईं हमा मिरा एहतिमाम-ए-नज़र भी है
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "silsila-e-aab-shaar"
तू उरूस-ए-शाम-ए-ख़याल भी तो जमाल-ए-रू-ए-सहर भी है
ये ज़रूर है कि ब-ईं हमा मिरा एहतिमाम-ए-नज़र भी है