आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sipah"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "sipah"
ग़ज़ल
नहीं फ़क़्र ओ सल्तनत में कोई इम्तियाज़ ऐसा
ये सिपह की तेग़-बाज़ी वो निगह की तेग़-बाज़ी
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
मीर-ए-सिपाह ना-सज़ा लश्करियाँ शिकस्ता सफ़
आह वो तीर-ए-नीम-कश जिस का न हो कोई हदफ़
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
फ़क़्र के हैं मो'जिज़ात ताज ओ सरीर ओ सिपाह
फ़क़्र है मीरों का मीर फ़क़्र है शाहों का शाह
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
कभी छुपे हुए ख़ंजर कभी खिंची हुई तेग़
सिपाह-ए-ज़ुल्म के एक एक ढब से वाक़िफ़ हैं