आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "suu-e-dair"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "suu-e-dair"
ग़ज़ल
जाते हैं सू-ए-दैर रह-ए-काबा छोड़ कर
हक़ में हमारे देखिए अल्लाह क्या करे
मिर्ज़ा जवाँ बख़्त जहाँदार
ग़ज़ल
जाता है कोई काबे को और कोई सू-ए-दैर
मुझ रिंद की है ख़ाना-ए-ख़ु़म्मार तक पहुँच
मिर्ज़ा आसमान जाह अंजुम
ग़ज़ल
मरता हूँ और जा नहीं सकता सू-ए-अदम
मुझ ना-तवाँ को तौक़-ओ-सलासिल से क्या ग़रज़