aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "suuraj-mukhii"
दिन को सूरज-मुखी है वो नौ-गुलरात को है वो रात-रानी भी
सूरज से लड़ाने वाला आँखेंमैं ही सूरज-मुखी रहा हूँ
मुझे ये अँधेरे निगल जाएँगेकहाँ है तू ऐ मेरे सूरज-मुखी!
चमकता रहता है सूरज-मुखी में कोई औरमहक रहा है कोई और रात-रानी में
जिधर तू हो उधर ही देखती हैहमारी आँख भी सूरज-मुखी है
करूँ क्या आँख ही सूरज-मुखी हैजिधर तुम हो उधर ही देखता हूँ
सूरज-मुखी की तरह बदलती है रुख़ हयातजब आफ़्ताब-ए-वक़्त उभरता लगे मुझे
मैं चाहता हूँ रात में सूरज-मुखी खिलेमैं चाहता हूँ दिन में भी जुगनू निकल सके
दिन तो गुज़ार आए हैं सूरज-मुखी के साथअब चाहते हैं रात की रानी पुकार ले
दिन क्या चढ़ा कि हो लिए सूरज के साथ साथसूरज-मुखी के फूल शुआ'ओं से डर गए
हम को सूरज-मुखी के फूल लुभाते भी नहींरात की रानियों का दुख नहीं देखा जाता
सूरज-मुखी का फूल था नाराज़ शाम तकमैं खो गया था रात की रानी में मुख़्तसर
इक साँस चीख़ती थी मैं चुप आ रहा था जबसूरज-मुखी गुलाब कँवल कुछ तो बोल जा
जो तू खड़ी थी तो पच्छिम की ओर तकता रहातुझे निहार के सूरज-मुखी से भूल हुई
तीरगी के दश्त में सूरज-मुखी खिलता नहींवहशतों के शोर से 'उम्र-ए-रवाँ ख़ामोश है
मैं हूँ सूरज-मुखी तू मेरा है दिलबर सूरजतू जिधर जाए मिरा रुख़ भी उधर हो जाए
अंधे कुएँ में डाल दे सूरज-मुखी का फूलफिर चाँदनी से छीन ले नक़्श-ओ-निगार भी
घर घर खिले हैं नाज़ से सूरज-मुखी के फूलसूरज को फिर भी माने-ए-दीदार कौन है
सूरज-मुखी की छाओं में बैठे हैं अब के लोगहर आफ़्ताब-ए-नौ को जो देखा तो ख़म हुए
चन्द्रमुखी सुब्हों को तड़पी शामों को सूरज-मुखी रोईरोज़-ओ-शब के आईने को हम ने हमेशा दिगर-गूँ देखा
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books