aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "tahriir"
पहले क़ासिद की नज़र देख के दिल सहम गयाफिर तिरी सुर्ख़ी-ए-तहरीर पे रोना आया
नक़्श फ़रियादी है किस की शोख़ी-ए-तहरीर काकाग़ज़ी है पैरहन हर पैकर-ए-तस्वीर का
चमकने वाली है तहरीर मेरी क़िस्मत कीकोई चराग़ की लौ को ज़रा सा कम कर दे
मुंतज़िर कब से तहय्युर है तिरी तक़रीर काबात कर तुझ पर गुमाँ होने लगा तस्वीर का
पा-ब-गिल सब हैं रिहाई की करे तदबीर कौनदस्त-बस्ता शहर में खोले मिरी ज़ंजीर कौन
बिजली इक कौंद गई आँखों के आगे तो क्याबात करते कि मैं लब-तिश्ना-ए-तक़रीर भी था
इक इबारत है जो तहरीर नहीं हो पाईमुझ को लिखता हुआ तू तुझ को मिटाता हुआ मैं
यूँ प्यार नहीं छुपता पलकों के झुकाने सेआँखों के लिफ़ाफ़ों में तहरीर चमकती है
तहरीर से वर्ना मिरी क्या हो नहीं सकताइक तू है जो लफ़्ज़ों में अदा हो नहीं सकता
जनम जनम के सातों दुख हैं उस के माथे पर तहरीरअपना आप मिटाना होगा ये तहरीर मिटाने में
तहरीर उसी की है मगर दिलख़त पढ़ते हुए अटक रहा है
मेरी तहरीर-ए-नदामत का न दीजे कुछ जवाबदेख लीजे और तग़ाफ़ुल-आश्ना हो जाइए
ज़ुल्फ़ तहरीर-ए-परेशान-ए-तक़ाज़ा है मगरशाना-साँ मू-ब-ज़बाँ ख़ामा-ए-मानी माँगे
नुक़ूश पाँव के लिखते हैं मंज़िल-ए-ना-याफ़्तमिरा सफ़र तो है तहरीर मेरी राहों में
तहरीर ओ गुफ़्तुगू में किसे ढूँडते हैं लोगतस्वीर में भी शक्ल हमारी न आएगी
दरिया-ए-अश्क से दम-ए-तहरीर हाल-ए-दिलकश्ती की तरह मेरा क़लम-दान बह गया
चेहरे पे उस के अश्क की तहरीर बन गईवो आँख मेरे दर्द की तफ़्सीर बन गई
आँख रखते हो तो उस आँख की तहरीर पढ़ोमुँह से इक़रार न करना तो है 'आदत उस की
मुझे समझा रही है आँख की तहरीर उस कीवो आधे रास्ते से लौट जाना चाहता है
उस आँख से वहशत की तासीर उठा लायामैं जागते रहने की तदबीर उठा लाया
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