आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tahziib-o-shaa.istagii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "tahziib-o-shaa.istagii"
ग़ज़ल
गुल-गूना-ए-तरक़्क़ी-तहज़ीब-ओ-'इल्म से
शुक्र-ए-ख़ुदा कि सुर्ख़ हैं रुख़्सार आज-कल
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
अह्द अह्द-ए-ना-तवाँ हर उज़्र उज़्र-ए-लंग है
क्या यही तहज़ीब-ए-शम्अ'-ए-महफ़िल-ए-अफ़रंग है
फ़ैज़ झंझानवी
ग़ज़ल
और तहज़ीब-ए-ग़म-ए-इश्क़ निभा दें कुछ दिन
आख़िरी वक़्त में क्या अपने चलन को भूलें
जाँ निसार अख़्तर
ग़ज़ल
ख़ला में तैरते मस्कन रिहाइश के लिए होंगे
ये मुस्तक़बिल मिरा तहज़ीब-ए-ख़िश्त-ओ-संग बदलेगा
फ़ारूक़ अंजुम
ग़ज़ल
जुनूँ है ज़ीनत-ए-तहज़ीब-ए-महफ़िल-ए-याराँ
अमीन-ए-होश-ओ-ख़िरद 'अर्ज़-ए-हाल से भी गए
जावेद अकरम फ़ारूक़ी
ग़ज़ल
ये हँसता हुआ शोर संजीदगी के लिए इम्तिहाँ है
सो मोहतात रहना कि तहज़ीब-ए-आह-ओ-फ़ुग़ाँ खो न जाए
अज़्म बहज़ाद
ग़ज़ल
तहज़ीब-ओ-नस्ल-ओ-मज़हब-ओ-रंग-ओ-वतन को देख
ख़ल्क़-ए-ख़ुदा की कितने ख़ुदाओं से जंग है
सय्यद मुबारक शाह
ग़ज़ल
हुस्न शाइस्ता-ए-तहज़ीब-ए-अलम है शायद
ग़म-ज़दा लगती हैं क्यूँ चाँदनी रातें अक्सर