aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "talvaar"
ख़फ़ा होना ज़रा सी बात पर तलवार हो जानामगर फिर ख़ुद-ब-ख़ुद वो आप का गुलनार हो जाना
इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदालड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
क्या हवा हाथ में तलवार लिए फिरती थीक्यूँ मुझे ढाल बनाने को ये छितनार गिरे
मैदाँ की हार जीत तो क़िस्मत की बात हैटूटी है किस के हाथ में तलवार देखना
दिल गली में रक़ीब दिल का जुलूसवाँ तो तलवार चल गई होगी
मारोगे किस को जी से किस पर कमर कसी हैफिरते हो क्यूँ प्यारे तलवार ढाल बाँधे
आता है मेरे क़त्ल को पर जोश-ए-रश्क सेमरता हूँ उस के हाथ में तलवार देख कर
अफ़्सोस वे शहीद कि जो क़त्ल-गाह मेंलगते ही उस के हाथ की तलवार मर गए
कल कूचा-ए-क़ातिल में जो था ख़ल्क़ का मजमाखाए हुए उस हाथ की तलवार हमीं थे
तलवार का सवाल यही जंग-जू से थाक्यूँ आज तक मियान में रक्खा गया मुझे
मिरे क़बीले के बच्चों के खेल भी हैं अजीबकिसी सिपाही की तलवार छीन लाए हैं
मसअला ये है मैं दुश्मन के क़रीं पहुँचूँगाऔर कबूतर मिरी तलवार पे आ बैठेंगे
टूट कर बिखरी हुई तलवार के टुकड़े समेटऔर अपने हार जाने का सबब मा'लूम कर
फ़रमान से पेड़ों पे कभी फल नहीं लगतेतलवार से मौसम कोई बदला नहीं जाता
अब उस की तलवार मिरी गर्दन होगीकब का ख़ाली 'ज़ेब' मिरा फ़ितराक हुआ
'इश्क़ ग़ाफ़िल ज़ख़्म खाता जाएगाहुस्न की तलवार चलती जाएगी
इंक़लाब आया न जाने ये चमन में कैसाग़ुंचा-ओ-गुल मुझे तलवार नज़र आते हैं
या इतना सख़्त-जान कि तलवार बे-असरया इतना नर्म-दिल कि रग-ए-गुल से कट गया
बज़्म में यारों की शमशीर लहू में तर हैरज़्म में लेकिन तलवार को मियान में रखना
उस की तलवार ने वो चाल चली है अब केपाँव कटते हैं अगर हाथ बचाऊँ अपने
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