आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tapan"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "tapan"
ग़ज़ल
मिरे लहू में है बर्क़-ए-तपाँ का जज़्ब-ओ-गुरेज़
तिरे सुबू में मय-ए-ज़िंदगी न ज़हर-ए-अजल
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
ये हुक्म है रहे मुट्ठी में बंद सैल-ए-नसीम
ये ज़िद है बहर-ए-तपाँ कूज़ा-ए-कुहन में रहे
मजरूह सुल्तानपुरी
ग़ज़ल
फूँक दे बर्क़-ए-तपाँ मेरा क़फ़स भी फूँक दे
आशियाँ की भी तो इक बिगड़ी हुई तस्वीर है
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
बयान-ए-पाएमाली शिकवा-ए-बर्क़-ए-तपाँ हो जा
गुलिस्तान-ए-जहाँ के पत्ते पत्ते की ज़बाँ हो जा
अर्श मलसियानी
ग़ज़ल
वो तेरी याद कि अब तक सुकून-ए-क़ल्ब-ए-तपाँ थी
तिरी क़सम है कि अब वो भी नागवार है आ जा
जमीलुद्दीन आली
ग़ज़ल
गेसू-ए-ख़मदार में अशआ'र-ए-तर की ठंडकें
आतिश-ए-रुख़्सार में क़ल्ब-ए-तपाँ का इल्तिहाब
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
बिसात-ए-ख़ाक भी तपाँ ख़ला भी है धुआँ धुआँ
बस इक अज़ाब-ए-नार है ज़मीं से आसमान तक
राग़िब मुरादाबादी
ग़ज़ल
ये जहाँ बारगह-ए-रित्ल-ए-गिराँ है साक़ी
इक जहन्नम मिरे सीने में तपाँ है साक़ी
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
ज़ालिम ये बज़्म-ए-हुस्न का अच्छा रिवाज है
तू शम्अ हो के भी न जले मैं तपाँ रहूँ