आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tayyab"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "tayyab"
ग़ज़ल
जिन के लहू से निखर रही हैं ये सरसब्ज़ हमेशगियाँ
अज़लों से वो सादिक़ जज़्बों तय्यब रिज़्क़ों वाले थे
मजीद अमजद
ग़ज़ल
बज़्म-ए-तरब में रात अजब माजरा रहा
था उन का इल्तिफ़ात मगर बे-रुख़ी के साथ
अब्दुल मजीद दर्द भोपाली
ग़ज़ल
उस की शफ़्फ़ाफ़ी ही उस का हुस्न उस की ज़िंदगी
कैसे बन जाएगा 'तय्यब' साएबाँ शीशे का घर
सय्यद तय्यब वास्ती
ग़ज़ल
सलीम कौसर
ग़ज़ल
क्या क्या फ़ित्ने सर पर उस के लाता है माशूक़ अपना
जिस बे-दिल बे-ताब-ओ-तवाँ को इश्क़ का मारा जाने है
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
अक्स-ए-रुख़्सार ने किस के है तुझे चमकाया
ताब तुझ में मह-ए-कामिल कभी ऐसी तो न थी
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
तरब-आशना-ए-ख़रोश हो तू नवा है महरम-ए-गोश हो
वो सरोद क्या कि छुपा हुआ हो सुकूत-ए-पर्दा-ए-साज़ में