आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "totaa kahaanii uncategorized"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "totaa kahaanii uncategorized"
ग़ज़ल
सब से कट कर रह गया ख़ुद मैं सिमट कर रह गया
सिलसिला टूटा कहाँ से सोचता भी मैं ही था
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
ग़ज़ल
कहें क्या हम कहाँ आ के तिरे वहशी ने दम तोड़ा
ख़िरद समझा-बुझा के ले तो आई थी बयाबाँ से