आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tuGiyaa.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "tuGiyaa.n"
ग़ज़ल
जिस्म में रग रग फड़क उठती है सोज़-ए-इश्क़ से
गर्म-ए-तुग़्याँ जिस तरह अमवाज हों जैजून में
बिस्मिल सईदी
ग़ज़ल
तुझ बिन सरिश्क-ए-ख़ूँ का है आँखों से तुग़्याँ इस क़दर
बरसा नहीं अब तक कहीं अब्र-ए-बहाराँ इस क़दर
मीर मोहम्मदी बेदार
ग़ज़ल
तुग़्याँ सरिश्क का तो यहाँ तक है चश्म से
इक क़तरा आब का हो तो जैजूँ टपक पड़े
ज़हूरुल्लाह बदायूनी नवा
ग़ज़ल
इश्क़ की हालत कुछ भी नहीं थी बात बढ़ाने का फ़न था
लम्हे ला-फ़ानी ठहरे थे क़तरों की तुग़्यानी थी
जौन एलिया
ग़ज़ल
क्या जाने कब किस साअत में तब्अ' रवाँ हो जाए
ये दरिया बे-मौसम भी तुग़्यानी करता है
इफ़्तिख़ार आरिफ़
ग़ज़ल
मोहब्बत में इक ऐसा वक़्त भी दिल पर गुज़रता है
कि आँसू ख़ुश्क हो जाते हैं तुग़्यानी नहीं जाती
जिगर मुरादाबादी
ग़ज़ल
न हो तुग़्यान-ए-मुश्ताक़ी तो मैं रहता नहीं बाक़ी
कि मेरी ज़िंदगी क्या है यही तुग़्यान-ए-मुश्ताक़ी
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
कभी दरिया उठा लाते हैं अपनी टूटी कश्ती में
कभी इक क़तरा-ए-शबनम से तुग़्यानी भी करते हैं