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ग़ज़ल
सत-रंगी सपनों में चेहरा सत-रंगी हो जाए है
इन्द्र-धनुष का रंग मिला है तुमरे नाम की हल्दी में
ताैफ़ीक़ साग़र
ग़ज़ल
ये 'नसीर' शाम-ए-सुपुर्दगी की उदास उदास सी रौशनी
ब-कनार-ए-गुल ज़रा देखना ये तुम्ही हो या कोई और है
नसीर तुराबी
ग़ज़ल
आमिर अमीर
ग़ज़ल
निगाहें फेर लीं तुम ने तो हम किस की तरफ़ देखें
तुम्ही कह दो मोहब्बत का फ़साना किस को आता है
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
तुम्ही को देख कर वो मुस्कुराता है तो हैरत क्या
उसे हँसने की आदत है ग़लत-फ़हमी में मत रहना
आदिल राही
ग़ज़ल
तुम्ही पे ख़त्म नहीं मेहर-ओ-माह की गर्दिश
शिकस्त-ए-ख़्वाब का इक सिलसिला तो मैं भी हूँ
अशफ़ाक़ हुसैन
ग़ज़ल
तुम तो ख़ूब वाक़िफ़ हो अब तुम्ही बताओ ना
किस में क्या मिलाना है किस से क्या अलग रखना
आदिल रज़ा मंसूरी
ग़ज़ल
उसे मिल के आए तो शाम को मुझे आइने ने कहा सुनो
वो जो सुब्ह-दम था हसन-'रज़ा' वो तुम्ही हो या कोई और है