aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "udaasii"
किसे ख़बर है कि उम्र बस उस पे ग़ौर करने में कट रही हैकि ये उदासी हमारे जिस्मों से किस ख़ुशी में लिपट रही है
तुझ से जब मिल कर भी उदासी कम नहीं होतीतेरे बग़ैर गुज़ारा कैसे हो सकता है
मैं जंगलों की तरफ़ चल पड़ा हूँ छोड़ के घरये क्या कि घर की उदासी भी साथ हो गई है
मैं ने दुनिया से अलग रह के भी देखा 'जव्वाद'ऐसी मुँह-ज़ोर उदासी की दवा कुछ भी नहीं
रूह प्यासी कहाँ से आती हैये उदासी कहाँ से आती है
बन के ख़ुश्बू की उदासी रहिए दिल के बाग़ मेंदूर होते जाइए नज़दीक आते जाइए
तुम्हारी शाइ'री क्या है बुरा भला क्या हैतुम अपने दिल की उदासी को गाने लगते हो
एक उदासी के जज़ीरे पे हूँ अश्कों में घिरामैं निकल जाऊँ अगर ख़ुश्क गुज़रगाह मिले
सुख़न मेरा उदासी है सर-ए-शामजो ख़ामोशी पे तारी हो गई है
बहुत दिनों से है दिल अपना ख़ाली ख़ाली साख़ुशी नहीं तो उदासी से भर गए होते
मोहब्बत चार दिन की और उदासी ज़िंदगी भर कीयही सब देखता है और 'कबीरा' रोने लगता है
उदासी और बढ़ती जा रही थीवो चेहरा बुझ रहा था याद होगा
मैं रुख़्सत हो रहा हूँ पर तुम्हारीउदासी हो गई है मुल्तवी क्या
उदासी आसमाँ है दिल मिरा कितना अकेला हैपरिंदा शाम के पुल पर बहुत ख़ामोश बैठा है
वीराँ है मय-कदा ख़ुम-ओ-साग़र उदास हैंतुम क्या गए कि रूठ गए दिन बहार के
आज भी है तिरी दूरी ही उदासी का सबबये अलग बात कि पहली सी नहीं कुछ कम है
हमारे घर की दीवारों पे 'नासिर'उदासी बाल खोले सो रही है
ऐसा कुछ है भी नहीं जिस से तुझे बहलाऊँये उदासी भी मुसलसल नहीं देखी जाती
कोई ख़ुद-कुशी की तरफ़ चल दियाउदासी की मेहनत ठिकाने लगी
न जाने कितने ग़मों को पीने के बा'द ताबिश चढ़ी उदासीकिसी ने ऐसे में आ के हम को हँसा दिया तो बुरा लगेगा
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