आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "umang"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "umang"
ग़ज़ल
मुझे कब किसी की उमंग थी मिरी अपने आप से जंग थी
हुआ जब शिकस्त का सामना तो ख़याल तेरी तरफ़ गया
लियाक़त अली आसिम
ग़ज़ल
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
न तो जीने ही में लज़्ज़त है न मरने की उमंग
उन निगाहों ने दिया कौन सा पैग़ाम मुझे