aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "umar"
सुना है रात उसे चाँद तकता रहता हैसितारे बाम-ए-फ़लक से उतर के देखते हैं
इक 'उम्र से हूँ लज़्ज़त-ए-गिर्या से भी महरूमऐ राहत-ए-जाँ मुझ को रुलाने के लिए आ
उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्यादाग़ ही देंगे मुझ को दान में क्या
अक्स कितने उतर गए मुझ मेंफिर न जाने किधर गए मुझ में
तेरे क़ामत से भी लिपटी है अमर-बेल कोईमेरी चाहत को भी दुनिया की नज़र खा गई दोस्त
मैं उम्र के रस्ते में चुप-चाप बिखर जाताइक दिन भी अगर अपनी तन्हाई से डर जाता
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखाकश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
क़ाता-ए-एमार है अक्सर नुजूमवो बला-ए-आसमानी और है
मुझ से बनता हुआ तू तुझ को बनाता हुआ मैंगीत होता हुआ तू गीत सुनाता हुआ मैं
किया था अह्द जब लम्हों में हम नेतो सारी उम्र ईफ़ा क्यूँ करें हम
रंग-ओ-रस की हवस और बसमसअला दस्तरस और बस
तख़य्युल को बरी करने लगा हूँमैं ज़ेहनी ख़ुद-कुशी करने लगा हूँ
ख़ुद-परस्ती से इश्क़ हो गया हैअपनी हस्ती से इश्क़ हो गया है
जहल को आगही बनाते हुएमिल गया रौशनी बनाते हुए
यूँ गलियों बाज़ारों में आवारा फिरते रहते हैंजैसे इस दुनिया में सभी आए हों उम्र गँवाने लोग
तू भी लगता है मुझ को ज़माने सा हीतेरे दिल से भी इक दिन उतर जाऊँगा
जाओ मातम गुज़ारो जाने दोजिस का ग़म है उसे मनाने दो
रात से जंग कोई खेल नईंतुम चराग़ों में इतना तेल नईं
हम-जिस्म हैं और दोनों की बुनियादें अमर हैंअब कैसे बिछड़ जाएँ कि ढह भी नहीं सकते
दिल दरिया है दिल सागर है इस दरिया इस सागर कीएक ही लहर का आँचल थामे सारी उमर बिता देना
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books