aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "urdu afsana aur"
मैं और हूँ मिरा दिल-ए-दीवाना और हैअफ़्साना और हासिल-ए-अफ़्साना और है
करूँ 'अफ़नान' उस पर जान क़ुर्बानसुख़न में जो लताफ़त बोलती है
इक मोहब्बत हज़ार अफ़्सानेएक दिल सैंकड़ों सहारे हैं
छेड़ा फिर अफ़्साना-ए-दिलदिल बहलाने वालों ने
अफ़्साना-ए-हयात बहुत मुख़्तसर सहीअफ़्साना-ए-हयात सुनाता रहा है चाँद
नज़्में ग़ज़लें ख़त अफ़्सानेउस के नाम रक़म होते हैं
ख़त्म हुआ अफ़्साना-ए-हस्तीहँसते-हँसते रोते-रोते
आई पीरी गईं उमंगें सबख़त्म अफ़्साना-ए-शबाब हुआ
'इश्क़ अफ़्शान-ए-जबीन-ए-यार मेंख़ाक छलनी की तरह छाना किया
मेरे अफ़साना-ए-मुहब्बत सेआप की दास्ताँ का रिश्ता है
मेरे अफ़्साना-ए-मोहब्बत काएक रंगीन बाब हो तुम तो
अफ़्साना-ए-जुनून-ए-मोहब्बत सुनाए कौनआँसू बहाए कौन किसी को रुलाए कौन
आँख कहती है ग़म के अफ़्सानेएक ऐसी घड़ी भी होती है
अफ़्साना-ए-ग़म तवील है दोस्तइस बात को मुख़्तसर करेंगे
महफ़िल-ए-दोस्त में चलता तो हूँ ऐ दीदा-ए-शौक़इश्क़ का राज़ न अफ़साना-ए-महफ़िल हो जाए
हैं अन-कहे बहुत से सुख़न-हा-ए-ग़ुफ़्तनीअफ़्साना-ए-हयात सदा ना-तमाम है
अफ़्साना-ए-अफ़्सून-ए-जवानी के अलावाकिस बात का दुनिया में इआदा नहीं होता
दिल अपने ही हाथों से जो बर्बाद रहेगाअफ़्साना-ए-नाकामी-ए-फ़रियाद रहेगा
इंतिहा-ए-ग़म में मुझ को मुस्कुराना आ गयाहाए इफ़्क़ा-ए-मोहब्बत का बहाना आ गया
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