आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "vafaat"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "vafaat"
ग़ज़ल
मुस्तहलक उस के 'इश्क़ के जानें हैं क़दर-ए-मर्ग
ईसा-ओ-ख़िज़्र को है मज़ा कब वफ़ात का
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
ताज़गी है सुख़न-ए-कुहना में ये बाद-ए-वफ़ात
लोग अक्सर मिरे जीने का गुमाँ रखते हैं
इमाम बख़्श नासिख़
ग़ज़ल
पस-अज़-वफ़ात भी अपनी हुईं न आँखें बंद
ज़ि-बस कि तेरे ही आने का इंतिज़ार रहा