आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "vahshi-e-sahraa-e-aql"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "vahshi-e-sahraa-e-aql"
ग़ज़ल
सर-ए-सहरा-ए-दुनिया फूल यूँ ही तो नहीं खिलते
दिलों को जीतना पड़ता है तोहफ़े में नहीं मलते
फ़ुज़ैल जाफ़री
ग़ज़ल
सर पे सौदा-ए-मोहब्बत पा-ब-ज़ंजीर-ए-जुनूँ-
तेरे दर पर 'वहशी'-ए-आशुफ़्ता-हाल आ ही गया
वहशी कानपुरी
ग़ज़ल
'शान' बे-सम्त न कर दे तुम्हें सहरा-ए-हयात
ज़ेहन में उन के नुक़ूश-ए-कफ़-ए-पा रहने दो