आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "zaruurii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "zaruurii"
ग़ज़ल
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
जो दिल में है उसे आँखों से कहलाना ज़रूरी है
वसीम बरेलवी
ग़ज़ल
उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं
इश्क़ ही इश्क़ की क़ीमत हो ज़रूरी तो नहीं
सबा अकबराबादी
ग़ज़ल
उम्र जल्वों में बसर हो ये ज़रूरी तो नहीं
हर शब-ए-ग़म की सहर हो ये ज़रूरी तो नहीं
ख़ामोश ग़ाज़ीपुरी
ग़ज़ल
मोहब्बत में ज़रा सी बेवफ़ाई तो ज़रूरी है
वही अच्छा भी लगता है जो वा'दे तोड़ देता है