aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "zindagi"
तही ज़िंदगी से नहीं ये फ़ज़ाएँयहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं
जो गुज़ारी न जा सकी हम सेहम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
हालत-ए-हाल के सबब हालत-ए-हाल ही गईशौक़ में कुछ नहीं गया शौक़ की ज़िंदगी गई
ज़िंदगी से यही गिला है मुझेतू बहुत देर से मिला है मुझे
ज़िंदगी तेरी अता है तो ये जाने वालातेरी बख़्शिश तिरी दहलीज़ पे धर जाएगा
यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदेंइन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो
किस तरह छोड़ दूँ तुम्हें जानाँतुम मिरी ज़िंदगी की आदत हो
मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न देमैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तोदोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मींपाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है
ज़िंदगी किस तरह बसर होगीदिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
अजब ए'तिबार ओ बे-ए'तिबारी के दरमियान है ज़िंदगीमैं क़रीब हूँ किसी और के मुझे जानता कोई और है
अब मिरी कोई ज़िंदगी ही नहींअब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गयाहर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया
एक लम्हे में सिमट आया है सदियों का सफ़रज़िंदगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे
ज़िंदगी तेरी अता थी सो तिरे नाम की हैहम ने जैसे भी बसर की तिरा एहसाँ जानाँ
तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हमठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दोन जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
दूसरी कोई लड़की ज़िंदगी में आएगीकितनी देर लगती है उस को भूल जाने में
कितनी सच्चाई से मुझ से ज़िंदगी ने कह दियातू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा
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