आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dard ka gulab suboohi tariq ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "dard ka gulab suboohi tariq ebooks"
ग़ज़ल
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
बे-हिसी पर मिरी वो ख़ुश था कि पत्थर ही तो है
मैं भी चुप था कि चलो सीने में ख़ंजर ही तो है
ज़ेब ग़ौरी
ग़ज़ल
आबरू क्या ख़ाक उस गुल की कि गुलशन में नहीं
है गरेबाँ नंग-ए-पैराहन जो दामन में नहीं
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
आँख से बिछड़े काजल को तहरीर बनाने वाले
मुश्किल में पड़ जाएँगे तस्वीर बनाने वाले