आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "saif mahmood"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "saif mahmood"
ग़ज़ल
क़द तिरा सर्व-ए-रवाँ था मुझे मालूम न था
गुलशन-ए-दिल में अयाँ था मुझे मालूम न था
सिराज औरंगाबादी
ग़ज़ल
सुन तो सही जहाँ में है तेरा फ़साना क्या
कहती है तुझ को ख़ल्क़-ए-ख़ुदा ग़ाएबाना क्या
हैदर अली आतिश
ग़ज़ल
मुझ को अब साक़ी-ए-गुलफ़ाम से कुछ काम नहीं
मय से कुछ काम नहीं जाम से कुछ काम नहीं