आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "'वाइज़'"
नज़्म के संबंधित परिणाम "'वाइज़'"
नज़्म
बरहमन शैख़ से पीर-ए-मुग़ाँ से साक़ियों से और वाइ'ज़ से
ये अक्सर सोचता हूँ जा के कह दूँ मैं
अबु बक्र अब्बाद
नज़्म
जिन सवाबों के भरोसे पे है ज़िंदा वाइज़
हमें शायद वो गुनाहों के अज़ाबों में मिलें
ग़ौस ख़ाह मख़ाह हैदराबादी
नज़्म
देखना आख़िर सर-ए-बाज़ार रुस्वा कर दिया
रोज़ वाइ'ज़ तुम दुआ माँगा करो औलाद की
इस्मतुल्लाह इस्मत बेग
नज़्म
ज़रीफ़ जबलपूरी
नज़्म
मजलिस-ए-वाज़ आज तो होती नज़र आती नहीं
हज़रत-ए-वाइ'ज़ अबस कोशाँ हैं कोरम के लिए
नवाब सय्यद हकीम अहमद नक़्बी बदायूनी
नज़्म
हुब्ब-ए-वतन को जुज़्व-ए-ईमाँ कहा गया है
वाइज़ समझ के कीजो तकफ़ीर गोखले की
ज़ाहिदा ख़ातून शरवानिया
नज़्म
मय-कदे में क्यों न ख़ाली जाए फिर वाइज़ की बात
जब भरे पहले से हर मय-ख़्वार के होते हैं कान