आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "'safdar'"
नज़्म के संबंधित परिणाम "'safdar'"
नज़्म
करूँ मैं प्यार से कंघी लिखूँ सफ़र पे तिरे
मैं ऐसी नज़्म कोई जो तुझे रखे सरसब्ज़
सादिया सफ़दर सादी
नज़्म
मगर अल्लाह ने हर चीज़ को क़ाबू में रक्खा है
निज़ाम-ए-ज़िंदगी 'सफ़दर' तभी तो इतना अच्छा है
सफ़दर अली सफ़दर
नज़्म
नज़र आए रज़ा-कारान-ए-नीली-पोश सफ़-दर-सफ़
मिरे दिल में सुरूर उतरा मिरी आँखों में नूर आया
ज़फ़र अली ख़ाँ
नज़्म
दादी अम्माँ हमें सुनाओ अब इक नई कहानी
जिस में ज़ालिम राजा न हो न ही ज़ालिम रानी
सय्यद सफ़दर रज़ा खंडवी
नज़्म
ये ख़ार-ज़ार-ए-जहाँ साफ़ कर रहा हूँ मैं
ज़मीन पर है बनाना मुझे ख़ुद अपना बहिश्त
सफ़दर आह सीतापुरी
नज़्म
अज़्म से बनता है मुस्तक़बिल-ए-अक़्वाम-ए-जहाँ
अज़्म-ए-इंसाँ को समझ आज की हालत को न देख
सफ़दर आह सीतापुरी
नज़्म
जा के होते हैं मसाजिद में सफ़-आरा तो ग़रीब
ज़हमत-ए-रोज़ा जो करते हैं गवारा तो ग़रीब
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
सागर से उभरी लहर हूँ मैं सागर में फिर खो जाऊँगा
मिट्टी की रूह का सपना हूँ मिट्टी में फिर सो जाऊँगा
साहिर लुधियानवी
नज़्म
इन में सच्चे मोती भी हैं, इन में कंकर पत्थर भी
इन में उथले पानी भी हैं, इन में गहरे सागर भी
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
सब्त जिस राह में हों सतवत-ए-शाही के निशाँ
उस पे उल्फ़त भरी रूहों का सफ़र क्या मअ'नी