आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ادھر"
नज़्म के संबंधित परिणाम "ادھر"
नज़्म
अख़्तर शीरानी
नज़्म
जहाँ में अहल-ए-ईमाँ सूरत-ए-ख़ुर्शीद जीते हैं
इधर डूबे उधर निकले उधर डूबे इधर निकले
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
किसी ज़माने में इस रह-गुज़र से गुज़रा था
ब-सद ग़ुरूर ओ तजम्मुल इधर से गुज़रा था
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
अपनी रिफ़अत पे जो नाज़ाँ हैं तो नाज़ाँ ही रहें
कह दो अंजुम से कि देखें न इधर आज की रात