आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "اگن"
नज़्म के संबंधित परिणाम "اگن"
नज़्म
कोई ना-माक़ूल आ कर गालियाँ भी दे अगर
उस से कहिए भाग जा हट तेरे मुँह में घी शकर
राजा मेहदी अली ख़ाँ
नज़्म
फ़र्ज़ करो हम अहल-ए-वफ़ा हों, फ़र्ज़ करो दीवाने हों
फ़र्ज़ करो ये दोनों बातें झूटी हों अफ़्साने हों