आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "دریا"
नज़्म के संबंधित परिणाम "دریا"
नज़्म
मुसलमाँ को मुसलमाँ कर दिया तूफ़ान-ए-मग़रिब ने
तलातुम-हा-ए-दरिया ही से है गौहर की सैराबी
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
गो आग से छाती जलती थी गो आँख से दरिया बहता था
हर एक से दुख नहीं कहता था चुप रहता था ग़म सहता था
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
ख़िज़्र भी बे-दस्त-ओ-पा इल्यास भी बे-दस्त-ओ-पा
मेरे तूफ़ाँ यम-ब-यम दरिया-ब-दरिया जू-ब-जू
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
अब टूट गिरेंगी ज़ंजीरें अब ज़िंदानों की ख़ैर नहीं
जो दरिया झूम के उट्ठे हैं तिनकों से न टाले जाएँगे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
मगर एक ही रात का ज़ौक़ दरिया की वो लहर निकला
हसन कूज़ा-गर जिस में डूबा तो उभरा नहीं है!
नून मीम राशिद
नज़्म
अमजद इस्लाम अमजद
नज़्म
फ़ज़ाओं में सँवारा इक हद-ए-फ़ासिल मुक़र्रर की
चटानें चीर कर दरिया निकाले ख़ाक-ए-असफ़ल से