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नज़्म
जमील मज़हरी
नज़्म
ज़मीं पर ज़िंदगी है हुस्न है और दिलरुबाई है
मुझे उल्फ़त ज़मीं से है वही दिल में समाई है
अब्दुल क़ादिर
नज़्म
गुल-बदन गुल-पैरहन महताब-रुख़ नाज़-आफ़रीं
दिलरुबाई की अदाकारी में ए'जाज़-आफ़रीं
सय्यद आबिद अली आबिद
नज़्म
हर चीज़ में है इस की इक शान-ए-दिलरुबाई
दरिया पहाड़ जंगल हर शय में बाँकपन है
मोहम्मद शफ़ीउद्दीन नय्यर
नज़्म
फ़िक्र-ए-इंसाँ पर तिरी हस्ती से ये रौशन हुआ
है पर-ए-मुर्ग़-ए-तख़य्युल की रसाई ता-कुजा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ज़रा होंटों को जुम्बिश और लफ़्ज़ों को रिहाई दो
अकेला पड़ गया हूँ मैं ज़रा मेरी सफ़ाई दो
मनोज अज़हर
नज़्म
ये हवस ये चोर बाज़ारी ये महँगाई ये भाव
राई की क़ीमत हो जब पर्बत तो क्यूँ न आए ताव