आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "رووے"
नज़्म के संबंधित परिणाम "رووے"
नज़्म
मैं जब औसान अपने खोने लगता हूँ तो हँसता हूँ
मैं तुम को याद कर के रोने लगता हूँ तो हँसता हूँ
जौन एलिया
नज़्म
अख़्तर शीरानी
नज़्म
ज़ालिम को जो न रोके वो शामिल है ज़ुल्म में
क़ातिल को जो न टोके वो क़ातिल के साथ है
साहिर लुधियानवी
नज़्म
इक आदमी हैं जिन के ये कुछ ज़र्क़-बर्क़ हैं
रूपे के जिन के पाँव हैं सोने के फ़र्क़ हैं
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
سماں 'الفقر فخري' کا رہا شان امارت ميں
''بآب و رنگ و خال و خط چہ حاجت روے زيبا را''
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
और मेरी आँखों में रोने की हिम्मत ही नहीं आँसू ही नहीं
जूँ तूँ रस्ता कट जाता है और बंदी-ख़ाना आता है
मीराजी
नज़्म
न ख़ातूनों में रह जाएगी पर्दे की ये पाबंदी
न घूँघट इस तरह से हाजिब-ए-रू-ए-सनम होंगे
अकबर इलाहाबादी
नज़्म
आलम ये था क़रीब कि आँखें हों अश्क-रेज़
लेकिन हज़ार ज़ब्त से रोने से की गुरेज़