आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "صوم"
नज़्म के संबंधित परिणाम "صوم"
नज़्म
रंग हो या ख़िश्त ओ संग चंग हो या हर्फ़ ओ सौत
मोजज़ा-ए-फ़न की है ख़ून-ए-जिगर से नुमूद
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मिरे सफ़र के साथियो! तुम्हीं से पूछता हूँ मैं
बताओ क्या सनम मिले, बताओ क्या ख़ुदा मिला
आमिर उस्मानी
नज़्म
जिन्हें बुत-गरों ने चाहा कि सनम बना के पूजें
ये जो दूर के हसीं हैं उन्हें पास ला के पूजें
साहिर लुधियानवी
नज़्म
न ख़ातूनों में रह जाएगी पर्दे की ये पाबंदी
न घूँघट इस तरह से हाजिब-ए-रू-ए-सनम होंगे