आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "لبریز"
नज़्म के संबंधित परिणाम "لبریز"
नज़्म
लबरेज़ है शराब-ए-हक़ीक़त से जाम-ए-हिंद
सब फ़लसफ़ी हैं ख़ित्ता-ए-मग़रिब के राम-ए-हिंद
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
जिगर मुरादाबादी
नज़्म
यही वादी है वो हमदम जहाँ 'रेहाना' रहती थी
गुदाज़-ए-इश्क़ से लबरेज़ था क़ल्ब-ए-हज़ीं उस का
अख़्तर शीरानी
नज़्म
मगर बद-मस्त है हर हर क़दम पर लड़खड़ाती है
मुबारक दोस्तो लबरेज़ है अब इस का पैमाना