आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "لونگ"
नज़्म के संबंधित परिणाम "لونگ"
नज़्म
क्या दाख मुनक़्का सोंठ मिरच क्या केसर लौंग सुपारी है
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
प्रीत नगर से फेरी वाला मेरी गली में आया
चूड़ी, लौंग, अँगूठी, छल्ले रंग बिरंगे लाया
सज्जाद बाक़र रिज़वी
नज़्म
नसरीन अंजुम भट्टी
नज़्म
मुझे भी लोग कहते हैं कि ये जल्वे पराए हैं
मिरे हमराह भी रुस्वाइयाँ हैं मेरे माज़ी की