आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "پھیریں"
नज़्म के संबंधित परिणाम "پھیریں"
नज़्म
जब धरती करवट बदलेगी जब क़ैद से क़ैदी छूटेंगे
जब पाप घरौंदे फूटेंगे जब ज़ुल्म के बंधन टूटेंगे
साहिर लुधियानवी
नज़्म
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
पी पी करे पपीहा बगुले पुकारें तू-तू
क्या हुदहुदों की हक़ हक़ क्या फ़ाख़्तों की हू-हू
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
बाद-ए-बहारी बन के चलेंगे सरसों बन कर फूलेंगे
ख़ुशियों के रंगीं झुरमुट में रंज-ओ-मेहन सब भूलेंगे
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
तिरी रानाइयों की तमकनत को भूल जाएँगी
पुकारेंगे तुझे तो लब कोई लज़्ज़त न पाएँगे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
सब्ज़ा सब्ज़ा सूख रही है फीकी ज़र्द दोपहर
दीवारों को चाट रहा है तन्हाई का ज़हर