aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "چکنا_چور"
कल तलक तो काँच के बर्तन सी चकना-चूर दुनियामेरे चारों तरफ़ बिखरी पड़ी थी
कि चकना-चूर हो जाऊँ
सर मिरा सलामत थामर्सिडीज़ चकना-चूर
चकना-चूर कर डालासिर्फ़ ये नहीं बल्कि
चकना-चूर हो जाएँगेरिश्तों के गुल-दान
इक चकना-चूर छनाकाशीशे का ज़र्फ़ था कोई
मज़हब की रिवायत फ़र्सूदाअख़्लाक़ की क़द्रें चकना-चूर
बच्चों की हँसती आँखों केजो आइने चकना-चूर हुए
वियतनाम का उगता सूरजतुम से चकना-चूर न होगा
जो ख़्वाब थे चकना-चूर हुएचंद एक लम्हे हाँ लेकिन
आस को चकना-चूर कियातब जा कर ये राज़ खुला
कौन जानेज़िंदगी की उठा-पटख़ मैं कितने आबगीने चकना-चूर हुए
एक पत्थर पर पटख़ करहर खिलौने को मैं चकना-चूर कर दूँ
तअल्लुक़ काँच का बर्तन नहींहाथों से छूटे और चकना-चूर हो जाए
ईद-गाह में शोर है कितना मेले का हंगामग़म से चकना-चूर
तो ख़्वाबों को चकना-चूर करती हुईहक़ीक़तों का मंदिर तख़्लीक़ करती हुई
मोहब्बत काँच होती हैंज़रा सी ठेस लगने से ये चकना-चूर होती है
फ़र्श पर गिरा और चकना-चूर हो गयाऔर उस से पहले कि मैं
वो जितना चकना-चूर उतना हीनूर-ए-ज़ुहूर का आलम उस से फटा पड़ता
तुझ से टक्कर लेने वाला आख़िरश पछताएगाहोगा चकना-चूर जो दीवार बन कर आएगा
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