आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ڈائری"
नज़्म के संबंधित परिणाम "ڈائری"
नज़्म
मैं अपनी नज़्म से भरी डाइरी हाथ में पकड़े
तुम्हारे सामने जब भी पढ़ना चाहता हूँ
हिमांशू शर्मा हिमांशू
नज़्म
ये लाश हम सब की तरह सूरज के साथ गर्दिश में क्यूँ नहीं है?
पढ़ो तो इस डाइरी में क्या है?''
शहाब जाफ़री
नज़्म
मेरी पुरानी बोसीदा डायरी के पन्नों पर कुछ पुरानी यादों के साए हैं
कुछ पुरानी ग़ज़लें हैं
गुल गुलशन
नज़्म
जन्नत में फाइलें हैं न है कोई डाइरी
हूरें तो जानती हैं फ़क़त तर्ज़-ए-दिलबरी