आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "گوہر_نایاب"
नज़्म के संबंधित परिणाम "گوہر_نایاب"
नज़्म
तेरी बेदारी नहीं है इक मुसलसल ख़्वाब है
क्या तू वाक़िफ़ है कि इस्मत गौहर-ए-नायाब है
माहिर-उल क़ादरी
नज़्म
लोग देते हैं तुझे गौहर-ए-नायाब तो क्या
मैं तो देती हूँ तुझे क़ल्ब-ओ-नज़र की सौग़ात
सादिक़ा फ़ातिमी
नज़्म
ऐ दिल-ए-ग़म-गीं न कह ये ज़िंदगी इक ख़्वाब है
ज़िंदगी है इक हक़ीक़त गौहर-ए-नायाब है
साबिर अबुहरी
नज़्म
वो जाम-ए-बिलोरीं हैं न वो गौहर-ए-नायाब
वो चिलमनें ज़र-तार न वो बिस्तर-ए-कम-ख़्वाब
इस्माइल मेरठी
नज़्म
तेरी रग रग में वफ़ूर-ए-जोशिश-ए-सैलाब था
तेरा हर जज़्बा ज़िया-ए-गौहर-ए-नायाब था