आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "یکایک"
नज़्म के संबंधित परिणाम "یکایک"
नज़्म
यूँही बस यूँही 'ज़ेनू' ने यकायक ख़ुद-कुशी कर ली
अजब हिस्स-ए-ज़राफ़त के थे मालिक ये रवाक़ी भी
जौन एलिया
नज़्म
मुँह में घुसती है सुरंगों के यकायक दौड़ कर
दनदनाती चीख़ती चिंघाड़ती गाती हुई
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
मगर यकायक कुछ ऐसे चौंकाया क़लब-ए-ख़स्ता को एक ख़्वाब-ए-हसीं ने आ कर
कि जैसे बारिश का पहला क़तरा
राजेन्द्र मनचंदा बानी
नज़्म
कहाँ अब यकायक बताए बिना चल दिए आप नासिर से मिलने
अकेले में दिल आप का भी कहाँ लगता होगा