आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "आदमी"
नज़्म के संबंधित परिणाम "आदमी"
नज़्म
सुख़न-वर ईज़द अच्छा था कि आदम या फिर अहरीमन
मज़ीद आंकि सुख़न में वक़्त है वक़्त अब से अब यानी
जौन एलिया
नज़्म
आह ये दुनिया ये मातम-ख़ाना-ए-बरना-ओ-पीर
आदमी है किस तिलिस्म-ए-दोश-ओ-फ़र्दा में असीर
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
कि आदमी को ये पड़ती हैं किस क़दर महँगी
इक एक कर के वो तिफ़्ली के हर ख़याल की मौत