आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "चश्म-ए-मस्त-ए-यार"
नज़्म के संबंधित परिणाम "चश्म-ए-मस्त-ए-यार"
नज़्म
फीका है जिस के सामने अक्स-ए-जमाल-ए-यार
अज़्म-ए-जवाँ को मैं ने वो ग़ाज़ा अता किया
आल-ए-अहमद सुरूर
नज़्म
रात की बात याद है रात का प्यार याद है
नींद-भरी वो चश्म-ए-मस्त उस का ख़ुमार याद है
साक़िब कानपुरी
नज़्म
बिर्ज लाल रअना
नज़्म
ज़माना आया है बे-हिजाबी का आम दीदार-ए-यार होगा
सुकूत था पर्दा-दार जिस का वो राज़ अब आश्कार होगा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
चश्म-ए-बद-दूर कराची में ट्रैफ़िक का निज़ाम
ऊँट-गाड़ी की गधा-गाड़ी की टिक-टिक का निज़ाम
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
उस चश्म-ए-मस्त में थी ये तुर्फ़ा इक करामत
फिरती वो जिस तरफ़ को फिरता उधर ज़माना