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नज़्म
दर्द थम जाएगा ग़म न कर, ग़म न कर
यार लौट आएँगे, दिल ठहर जाएगा, ग़म न कर, ग़म न कर
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
जिगर मुरादाबादी
नज़्म
कहीं तो कारवान-ए-दर्द की मंज़िल ठहर जाए
किनारे आ लगे उम्र-ए-रवाँ या दिल ठहर जाए