आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तसव्वुर-ए-शाम-ओ-सहर"
नज़्म के संबंधित परिणाम "तसव्वुर-ए-शाम-ओ-सहर"
नज़्म
ग़रज़ तसव्वुर-ए-शाम-ओ-सहर में जीते हैं
गिरफ़्त-ए-साया-ए-दीवार-ओ-दर में जीते हैं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
उलूम-ए-ज़ाहिरी मुझ को बताते हैं
ब-ज़ाहिर गर्दिश-ए-शाम-ओ-सहर में एक दिन ऐसा भी आता है
सलमान बासित
नज़्म
वक़्त के हाथों में है आईना-ए-शाम-ओ-सहर
जगमगा उट्ठे हैं सारे आरज़ू के बाम-ओ-दर