आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "नापाक"
नज़्म के संबंधित परिणाम "नापाक"
नज़्म
लर्ज़ा-बर-अंदाम है सेहन-ए-ज़मीं का अर्ज़-ओ-तूल
हो रहा है ख़ाक पर नापाक रूहों का नुज़ूल
जोश मलीहाबादी
नज़्म
न पाक कोई न कोई नापाक कोई ऊँचा न कोई नीचा
गुरु का ये मय-कदा है इस जा हर इक को मिलता है जाम-ए-नानक
आनंद नारायण मुल्ला
नज़्म
मिरी 'सलमा'! मुझे ले चल तू उन रंगीं नज़ारों में!
जहाँ आबाद ये नापाक शहरिस्तां नहीं होते
अख़्तर शीरानी
नज़्म
ऐ ज़न-ए-नापाक फ़ित्रत-ए-पैकर-ए-मकर-ओ-रिया
दुश्मन-ए-मेहर-ओ-वफ़ा ग़ारत-गर-ए-शर्म-ओ-हया
माहिर-उल क़ादरी
नज़्म
जितना नापाक है तन उतना मिरा मन तो नहीं
क्यूँ ठिठकता है झिजकता है मैं नागन तो नहीं