आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "परवरिश-ए-लौह-ओ-क़लम"
नज़्म के संबंधित परिणाम "परवरिश-ए-लौह-ओ-क़लम"
नज़्म
कहिए जिस की क़ुव्वत-ए-तख़ईल को आफ़ाक़-गीर
अर्श-ओ-फ़र्श-ओ-कुर्सी-ओ-लौह-ओ-क़लम जिस में असीर
अमजद नजमी
नज़्म
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
मैं रोज़-ओ-शब निगारिश-कोश ख़ुद अपने अदम का हूँ
मैं अपना आदमी हरगिज़ नहीं लौह-ओ-क़लम का हूँ
जौन एलिया
नज़्म
ख़ालिक़ ने जब अज़ल मैं बनाया क्लर्क को
लौह ओ क़लम का जल्वा दिखाया क्लर्क को
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
क्यूँ न हो लौह ओ क़लम को तिरे उस्लूब पे नाज़
हसन-ए-गुफ़्तार है गंजीना-ए-अफ़्कार है तू