आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "पुराने"
नज़्म के संबंधित परिणाम "पुराने"
नज़्म
किस में हिम्मत थी कि बदले ज़िंदगानी के पुराने ख़ोल को
हम से सरकश को दिया करते थे नाम
बाक़र मेहदी
नज़्म
मचल रहा है रग-ए-ज़िंदगी में ख़ून-ए-बहार
उलझ रहे हैं पुराने ग़मों से रूह के तार