आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बनेगा"
नज़्म के संबंधित परिणाम "बनेगा"
नज़्म
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
अली अकबर नातिक़
नज़्म
और मुस्तक़बिल में जब ये हाल भी माज़ी बनेगा
मुझ को फिर इक बार इस मुर्दे को कंधों पर उठाए
सत्यपाल आनंद
नज़्म
जमीलुद्दीन आली
नज़्म
न इतने टैक्स ही होंगे कि जिन से जान हो दूभर
ख़ुशी से टैक्स सब देंगे बचेगा इस क़द्र खा कर
प्रेम लाल शिफ़ा देहलवी
नज़्म
ये दुनिया है जिस में न ऐसा कोई घर बना है न आगे बनेगा
कि उस का मकीं अपने घर में हमेशा रहेगा
ख़लील-उर-रहमान आज़मी
नज़्म
किस लिए है आज सीना-चाक दिल्ली की ज़मीं
हिन्द का ये दिल बनेगा किस अमानत का अमीं