आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बाद"
नज़्म के संबंधित परिणाम "बाद"
नज़्म
हिना-बंद-ए-उरूस-ए-लाला है ख़ून-ए-जिगर तेरा
तिरी निस्बत बराहीमी है मेमार-ए-जहाँ तू है
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
हम कि ठहरे अजनबी इतनी मुदारातों के बा'द
फिर बनेंगे आश्ना कितनी मुलाक़ातों के बा'द
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
गुलशन-ए-याद में गर आज दम-ए-बाद-ए-सबा
फिर से चाहे कि गुल-अफ़शाँ हो तो हो जाने दो
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
ग़रज़ गर्दां हूँ बाद-ए-सुब्ह-गाही की तरह लेकिन
सहर की आरज़ू में शब का दामन थामता हूँ जब
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
बाद-ए-सबा की मौज से नश-नुमा-ए-ख़ार-अो-ख़स!
मेरे नफ़स की मौज से नश-ओ-नुमा-ए-आरज़ू!