आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बुरीदा-सर"
नज़्म के संबंधित परिणाम "बुरीदा-सर"
नज़्म
इफ़्तिख़ार आरिफ़
नज़्म
मैं लाख बुज़दिल सही मगर मैं उसी क़बीले का आदमी हूँ कि जिस के बेटों ने
जो कहा उस पे जान दे दी
इफ़्तिख़ार आरिफ़
नज़्म
वो लकड़ी के वज़नी संदूक़ से किताब निकालता है
बोसीदा सर-वरक़ पर मुसन्निफ़ की जगह उस का नाम लिखा है
सईदुद्दीन
नज़्म
तो फिर क्यों सर-बुरीदा शाख़ की मानिंद बे-जाँ हो
ये होना था तो क्यों फिर इस के हो जाने पे हैराँ हो
आबिद जाफ़री
नज़्म
दमकते चेहरे घनेरी ज़ुल्फ़ें
ये सरसराते हवाओं जैसे लिबास जिस्मों का बाँकपन दिलरुबा अदाएँ