आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "भाए"
नज़्म के संबंधित परिणाम "भाए"
नज़्म
सुख़न-शनासों को मेरा तर्ज़-ए-अमल न भाए
तिरी मोहब्बत का दर्द हो जिस ग़ज़ल में शामिल
क़तील शिफ़ाई
नज़्म
क़बा-ए-चाक पहने कुछ कुशादा-ज़र्फ़ इस्तिक़बाल को बाहर खड़े होंगे
तुम्हें जो रंग भी भाए पहन आना
अबीरा अहमद
नज़्म
अम्मी भाई बाजी बेबी सब मिल-जुल कर खाएँ
मेरा शर्बत बना बना कर शौक़ से सब पी जाएँ